केजरीवाल 39 दिन बाद तिहाड़ से रिहा: जमानत पर बाहर आकर बोले, 'देश को तानाशाही से बचाना है
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से 39 दिनों की हिरासत के बाद रिहा हुए। सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर उन्होंने देश को तानाशाही से बचाने का संकल्प जताया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 39 दिनों के बाद शुक्रवार शाम को तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद कहा कि उनका संघर्ष देश को तानाशाही से बचाने के लिए है। इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी, जिसमें उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने का निर्देश भी शामिल है।
केजरीवाल ने कहा, "मुझे आपके बीच आकर बहुत अच्छा लग रहा है। हम सभी को मिलकर देश को तानाशाही से बचाने का प्रयास करना होगा।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे अगले दिन सुबह कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में दर्शन करेंगे और दोपहर में पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
उन्होंने तिहाड़ में अपने समय के दौरान समर्थन देने के लिए अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था, और इस मामले में वे पहले ईडी की हिरासत में भी रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा, "अगस्त 2022 में ED द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद से इस तरह की गिरफ्तारी उनके लिए अपरिहार्य थी। 22 दिनों का अंतर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।" अदालत ने कहा कि यह जमानत केवल चुनावी प्रक्रिया के खत्म होने तक मान्य होगी।
इस घटनाक्रम के साथ ही, केजरीवाल के समर्थकों और आप पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन बताया है। केजरीवाल की रिहाई और आगामी कार्यक्रमों पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर बनी हुई है।