सरकारी गाड़ियों में सोगन की तस्करी करते पकड़े गये सरकारी कर्मचारी और पशु चिकित्सा अधिकारी-जानिए पूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सागौन की तस्करी करते हुए वनकर्मी और एक चिकित्सा अधिकारी गिरफ्तार किया गया है। यहाँ घटना आज की बीजापुर जिले में किसी ीे बात की पुलिस को सुचना दी थी। आगे की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट news7todays.com पर जुड़े रहे। यहाँ पर आपको हर तरह की जानकारी मिलेगी।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक को सरकारी वाहन में सागौन की लकड़ी (चिरान) की तस्करी करते पकड़ा गया है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक लल्लन सिंह को सरकारी वाहन में सागौन की लकड़ी (चिरान) की तस्करी करते वन विभाग की टीम ने पकड़ा। लल्लन सिंह खुद वाहन चला रहे थे। वाहन में पीछे चार नग सागौन का चिरान रखा हुआ था।सागौन की तस्करी
अधिकारी द्वारा सरकारी वाहन में सागौन भरकर बीजापुर जाने की खबर वन कर्मियों को लग गई थी। जिसके बाद वन विभाग की टीम द्वारा वन जांच नाका भोपालपटनम में वाहन के आने का इंतजार किया जा रहा था। दोपहर बाद जैसी ही वाहन वन जांच नाका में पहुंची उसे रोक लिया गया।
अधिकारी ने पहले वनकर्मियों को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन कड़ाई के बाद उन्होंने सागौन ले जाना स्वीकार कर लिया। वाहन की जांच में सागौन मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने वाहन और लकड़ी को जब्त कर वन काष्ठागार ले गई। उप संचालक लल्लन सिंह से पूछताक्ष में वह सरकारी वाहन में सागौन की लकड़ी भरकर ले जाने का सही जवाब नहीं दे सके।सागौन की तस्करी
वन विभाग की कार्रवाई के बाद उप संचालक वहां से दूसरी वाहन में बीजापुर के लिए रवाना हो गए। मिली जानकारी के अनुसार वाहन में सागौन का चिरान रालापल्ली के जंगल से भरा गया था। नईदुनिया से उप संचालक लल्लन सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया लेकिन चर्चा नहीं हो पाई।
बताया जा रहा है कि रविवार की शाम पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर लालन सिंह सरकारी वाहन में सागौन फारा भरकर तेज रफ्तार से बीजापुर की ओर गाड़ी दौड़ा रहे थे। तभी वन विभाग के कर्मचारियों ने नाके पर गाड़ी को रोक दिया।सागौन की तस्करी
वन अमले ने जब एंबुलेंस की तलाशी ली तो गाड़ी में सागौन फारा भरा हुआ था। सरकारी वाहन में सागौन तस्करी की घटना से हड़कंप मच गया। फारेस्ट नाके पर लोगों भी भीड़ जमा हो गई। वन विभाग के कर्मचारियों ने गाड़ी को जब्त कर लिया है।
बताया जा रहा है कि रालापल्ली के जंगल से सागौन की लकड़ी लेकर गाड़ी निकली थी। फारेस्ट विभाग के विशेष सूत्रों ने कर्मचारियों को सूचना दी और गाड़ी को नाके पर पकड़ लिया गया।सागौन की तस्करी
अफसर की दबंगई की चर्चा | वनकर्मी कर रहे है सागौन की तस्करी पशु चिकित्सा अधिकारी भी इस मामले में शामिल -जानिए | Latest Updates 2022
वन विभाग की टीम ने सागौन तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गाड़ी को जब्त कर लिया है, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की दबंगई की पूरे नगर में चर्चा है।
अधिकारी के हौसले इतने बुलंद थे कि सरकारी वाहन में दिनदहाड़े सागौन लेकर जा रहे थे। और तो और गाड़ी भी खुद ही चला रहे थे।
अधिकारी की शायद यह मंशा रही होगी कि एम्बुलेंस में सागौन तस्करी की जाए तो किसी को भनक नही लगेगी। मगर फारेस्ट नाके के पास पकड़े जाने पर अधिकारी के पसीने छूट गए।
हालांकि, इस कार्रवाई से वन विभाग ने राहत की सांस तो ली होगी, लेकिन इस छोटी सी कार्रवाई से विभाग के माथे पर लगा कलंक नहीं मिटने वाला।सागौन की तस्करी
जब भी जिसे मौका मिला है, वह सागौन के जंगलों को चटियल मैदान बनाने में पीछे नहीं रहा। वन विभाग पर तो तस्करों के साथ मिलीभगत के भी आरोप लगते रहे हैं।
हाल के दिनों में नगर के फर्नीचर मार्ट में कई दफे दबिश देकर भारी मात्रा में सागौन का जखीरा बरामद भी किया गया। मगर फर्नीचर मार्ट संचालकों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होने से सागौन की काली कमाई का यह गोरखधंधा इस इलाके में बदस्तूर जारी है।
इसी का नतीजा है कि अब सरकारी अधिकारी भी बेखौफ सागौन तस्करी करते नजर आ रहे हैं। बहरहाल, वन अमले ने सागौन तस्करी में शामिल गाड़ी को तो जब्त कर लिया है, लेकिन गाड़ी में सागौन ले जा रहे अफसर पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं, ये देखने वाली बात है। सागौन की तस्करी