acacia क्या है?
इसकी पत्तियां बहुत छोटी होती हैं। इस पेड़ में कांटे होते हैं। गर्मी के मौसम में acacia के पेड़ पर पीले रंग के गोलाकार गुच्छों में फूल खिलते हैं। ठंड के मौसम में फलियां आती हैं।

बबूल की छाल और गोंद का व्यवसाय किया जाता है। इसकी निम्नलिखित प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है।
फायदे
अधिक पसीना आने पर लाभ –
- अधिक पसीना आने की परेशानी में acacia के पत्ते और बाल हरड़ को बराबर-बराबर मिलाकर महीन पीस लें। इस चूर्ण से पूरे बदन पर मालिश करें। कुछ समय बाद नहा लें। नियमित रूप से यह प्रयोग कुछ दिन तक करने से पसीना आना बन्द हो जाता है।
- बबूल के पत्ते के पेस्ट का उबटन लगाने से भी पसीना आना बंद हो जाता है।
शारीरिक जलन की समस्या में acacia के फायदे – शरीर के किसी अंग में जलन हो रही हो तो बबूल की छाल का काढ़ा बना लें। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से जलन शांत होती है।
acacia के उपयोग से कमर दर्द का इलाज – कमर दर्द में बबूल से फायदा लेने के लिए acacia की छाल, कीकर की फली और गोंद को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। एक चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से कमर दर्द से आराम मिलता है।
घाव में फायदे – acacia के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव तुरंत ठीक हो जाता है। बेहतर लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

खांसी में बबूल के फायदे –
- acacia के पत्ते तथा तने की छाल का चूर्ण बनाएं। इसके 1-2 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।
- इसी तरह 1 ग्राम acacia के चूर्ण का सेवन करने से भी खांसी ठीक होती है।
भूख बढ़ाने के लिए बबूल का सेवन – भूख की कमी या भोजन से अरुचि की समस्या को ठीक करने के लिए बबूल या कीकर की फली का अचार लें। इसमें सेंधा नमक मिलाकर खिलाएं। इससे भूख बढ़ती है, और जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
दांतों के रोग में acacia से मिलता हैं लाभ
- दांतों में दर्द होने पर बबूल या कीकर की फली का छिलका लें। इसमें बादाम के छिलके की राख मिला लें। इसमें नमक मिलाकर मंजन करें। इससे दांतों का दर्द ठीक होता है।
- इसी तरह acacia की कोमल टहनियों से दातून करने से भी दांतों की बीमारी ठीक होती है। दांत मजबूत होते हैं।
- दांतों के दर्द में बबूल की छाल, पत्ते, फूल और फलियां लें। सभी को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाएं। इस चूर्ण से मंजन करने से दांतों के रोग दूर होते हैं।
- इसके अलावा acacia की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर होता है।
- बबूल की छाल के काढ़ा से गरारा करने से भी दांतों के दर्द से राहत मिलती है।
मूत्र रोग का इलाज
- बबूल की 10-20 कोपलों को एक गिलास पानी में भिगोएं। इसे रात भर पानी में ही रखें। सुबह पानी को साफ कर पिएं। इससे पेशाब में जलन की समस्या में लाभ मिलता है।
- इसी तरह 15-30 मिली बबूल के तने की छाल का काढ़ा बनाएं। इसका सेवन करने से बार-बार पेशाब आने की परेशानी ठीक हो जाती है।

उपयोगी भाग
- फली उपयोगी हैं
- पत्ते उपयोगी हैं
- तने उपयोगी हैं
- गोंद उपयोगी हैं
- तने की छाल उपयोगी होती हैं।
इस्तेमाल कैसे करें?
- तने का काढ़ा- 50-100 मिली
- चूर्ण- 2-6 ग्राम
- गोंद 3-6 ग्राम
साइड इफेक्ट
acacia के अधिक सेवन से स्तन से संबंधित रोग होता है। अधिक मात्रा में इसके निर्यास का प्रयोग करने से गुदा रोग भी हो सकता हैं।
acacia उगाया जाता है?
वास्तव में acacia मरुभूमि में उत्पन्न होने वाला वृक्ष है। मरुभूमि के अलावा बबूल के वृक्ष भारत में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, बिहार, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र एवं आंध्रप्रदेश के जंगलों में पाए जाते हैं।