भारतीय जनता पार्टी अब अपने लिए नये पार्टी अध्यक्ष की खोज शुरू कर दी है। अब सुनने में आ रहा है की बीजेपी को अगले साल फ़रवरी में नया अध्यक्ष मिल जाएगा। एक महीने तक चलने वाली संघात्मक प्रक्रिया के बाद पता चलेगा की कौन बनेगा बीजेपी का अगला अध्यक्ष। इस दौरान कई राज्यों में भी पार्टी के कई नए अध्यक्ष चुने जायेगे। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा की कुछ समय पहले जिन राज्यों में नए अध्यक्षो की नियुक्ति की गई है उस जगह पर अध्यक्ष नहीं बदले जायेगे।
खबरों के अनुसार राजस्थान, बिहार और कर्नाटक में हाल ही में नये अध्यक्ष बनाये गए थे, वही बाकी राज्यों में बीजेपी नए अध्यक्ष बनाने की नियुक्ति 15 जनवरी से शुरू करेगी। प्रदेश अध्यक्ष आम सहमति से बनाया जाएगा, जैसा की पार्टी की परम्परा है। बीजेपी के संविधान के नियम के अनुसार राष्टीय अध्यक्षों के चुनाव से पहले राज्यों के आधे से अधिक संघठनिक चुनाव हो जाना चाहिए।
हैदराबाद गैंगरेप की पूरी घटना क्या हुआ अब तक

अभी बता दे की बीजेपी अपने फैसले कैब को लेकर चर्चा में है और इसका विरोध देश के कई हिस्सों में किया जा रहा है। यह विरोध धीरे-धीरे हिंसात्मक होता जा रहा है।
वही अमित शाह ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहे थे कि अगर कांग्रेस देश का विभाजन ना करती तो मुझे बिल लेकर नहीं आना पड़ता लोकसभा में शाह ने कहा मैं चाहता हूं कि देश में भ्रम की स्थिति ना बने किसी भी तरीके से यह बिल गैर संवैधानिक नहीं है ना ही यह बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ था देश का विभाजन धर्म के आधार पर ना होता तो अच्छा होता इसके बाद इस बिल को लेकर आने की जरूरत हुई 1950 में नेहरू लियाकत समझौता भी हुआ था जो कि धरा का धरा ही रह गया।
राहुल ने कहा था घाटी मे बहेगी खून की नदियां लेकिन घाटी में नहीं चली कोई गोली अमित शाह बोले
आपको बता दे की नागरिकता संशोधन बिल सदन के दोनों सदनों में पास हो गया है और अब इस पर कानून बनने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और हाल ही में इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर भी की गई है।
अब आखिर कौन बनेगा बीजेपी का अगला अध्यक्ष यह देखने वाली बात है।