इसके अलावा, नींबू को विटामिन-सी का भी अच्छा स्रोत माना गया है और वजन घटाने के लिए विटामिन-सी सबसे खास तत्व माना जाता है (6)। इतना ही नहीं, वजन घटाने के लिए कई लोग नींबू पानी में शहद का सेवन भी करते हैं,
जो वजन घटाने के लिए एक सुरक्षित घरेलू उपाय हो सकता है । हालांकि, इसके साथ डाइट और व्यायाम पर ध्यान देना भी आवश्यक है।
2. कैंसर के लिए नींबू

इसमें कोई शक नहीं कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका एक मात्र उपाय डॉक्टरी इलाज ही है। हालांकि, जीवनशैली और खानपान की आदतों में बदलाव कर इसके जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है ।
खासतौर पर अगर सिट्रस फल जैसे – संतरे और नींबू की बात की जाए, तो इनके सेवन से कैंसर से बचाव हो सकता है । इसके अलावा, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नींबू जैसे सिट्रस फलों का सेवन करने से अग्नाशय के कैंसर (Pancreatic Cancer) से बचा जा सकता है ।
वहीं, एक अन्य अध्ययन के अनुसार, नींबू में मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीकैंसर के रूप में काम कर सकते हैं । साथ ही सिट्रस फलों में एंटी-ट्यूमर और केमोप्रीवेंटिव गुण भी मौजूद है।
बुखार होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण प्रमुख हैं । ऐसे में यहां नींबू का सेवन मददगार हो सकता है। कई लोग बुखार के लिए घरेलू उपाय के तौर पर भी नींबू का उपयोग करते हैं ।
अगर बात करें नींबू के गुण की, तो यह विटामिन-सी से समृद्ध होता है और इससे बैक्टीरिया व वायरस के कारण होने वाले संक्रमण से बचाव करने में मदद मिल सकती है ।
हालांकि, इस बारे में सटीक वैज्ञानिक शोध की कमी है, लेकिन जैसा कि इसमें विटामिन-सी है, तो रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और बुखार से बचाव के लिए घरेलू उपाय के तौर पर नींबू का सेवन लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, सामान्य गले की खराश के लिए भी नींबू का उपयोग किया जा सकता है ।
हृदय के लिए नींबू
नींबू का रस हृदय को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। जैसा कि हमने बताया कि नींबू विटामिन-सी बड़ा स्रोत है और विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं
कई बार ब्लड प्रेशर की समस्या भी हृदय रोग का कारण बन सकती है । ऐसे में कुछ वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि विटामिन-सी रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम भी करता है, जो हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है । वहीं, नींबू जैसे सिट्रिक फल फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं,
जो एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमना) के उपचार में मदद कर सकते हैं । सिट्रस फ्लेवोनोइड्स की क्षमता की बात की जाए, तो यह ऑक्सीडेटिव तनाव, हाइपरलिपिडेमिया (Hyperlipidemia – खून में जमा फैट, सूजन को कम करने, धमनी रक्तचाप और लिपिड चयापचय में सुधार का काम कर सकता है । हृदय को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक जीवन में नींबू को शामिल किया जा सकता है।
जिन्हें किडनी स्टोन की शिकायत है, वो अपनी डाइट में नींबू को शामिल कर सकते हैं। दरअसल, नींबू में मौजूद सिट्रेट गुण पथरी को बनने से रोक सकता है।
भले ही इसका नेचर एसिडिक हो, लेकिन शरीर में जाकर यह एल्कलाइन प्रभाव देता है और किडनी के लिए क्लींजर की तरह काम कर सकता है। ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी के साथ-साथ नींबू पानी का सेवन भी लाभकारी हो सकता है। फिर भी बेहतर यही है कि इस बारे में डॉक्टरी सलाह जरूर ली जाए।
अगर शरीर को सही मात्रा में आयरन न मिले, तो खून की कमी यानी एनीमिया का जोखिम हो सकता है । ऐसे में एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्टडी के अनुसार, अगर आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ विटामिन-सी युक्त आहार का सेवन किया जाए,
तो शरीर में आयरन के सही अवशोषण में मदद मिल सकती है। इस स्थिति में आयरन युक्त आहार के साथ नींबू, जो कि एक विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ है लाभकारी हो सकता है और खून की कमी के जोखिम से बचाव कर सकता है।
अगर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून पावर सही हो, तो व्यक्ति का शरीर बीमारियों के जोखिम से बच सकता है। ऐसे में विटामिन-सी रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में काफी सहायक हो सकता है।
विटामिन-सी कई तरह की शारीरिक समस्याओं से शरीर का बचाव कर सकता है । ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने, खुद को बीमारी से बचाव करने के लिए घरलू उपाय के तौर नींबू को आहार में शामिल किया जा सकता है।
8. लिवर के लिए नींबू रस के फायदे

नींबू या नींबू रस के फायदे की बात की जाए, तो यह लिवर के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में, अल्कोहल से प्रभावित लीवर पर नींबू की सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है।
इसका कारण नींबू में मौजूद हेपटॉपरटेक्टिव (Hepatoprotective) गुण को माना जा सकता है । इसके अलावा, एक अन्य शोध के अनुसार, बिना चीनी का फर्मेन्टेड नींबू जूस लिवर की सूजन और चोट में सुधार करने में सहायक हो सकता है ।
दरअसल, ये शोध जानवरों पर किए गए हैं, ऐसे में इंसानों पर इसका कितना असर होगा, इस बारे में अभी और शोध की जरूरत है। हालांकि, लिवर को स्वस्थ रखने के लिए नींबू के जूस का सेवन किया जा सकता है।
श्वसन समस्या की बात करें, श्वसन तंत्र के संक्रमण से कई तरह की समस्याएं जैसे – दमा, खांसी, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अन्य फेफड़ों से संबंधित परेशानियां हो सकती है।
ऐसे में शोध के अनुसार विटामिन-सी श्वसन तंत्र के संक्रमण से बचाव में सहायक हो सकता है । विटामिन-सी युक्त नींबू का सेवन सूजन और संक्रमण से भी लड़ने में सहायक हो सकता है।
इतना ही नहीं, नींबू का जूस और शहद मिलाकर घरेलू कफ सिरप भी तैयार कर सेवन किया जा सकता है । इतना ही नहीं, विटामिन-सी पूरक और चिकित्सीय खुराक का कॉम्बिनेशन सीने में दर्द, बुखार और ठंड लगने की समस्या से भी राहत दिला सकता है।
ब्लड प्रेशर के लिए नींबू
नींबू में मौजूद विटामिन-सी ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने का काम काम कर सकता है । इसके अलावा, इसी विषय में किए गए शोध में यह भी पाया गया है कि नींबू का सेवन और नियमित वॉक करने से रक्तचाप का स्तर कम हो सकता है । हालांकि, अगर कोई ब्लड प्रेशर की दवाइयों का सेवन कर रहा है, तो नींबू का उपयोग करने से पहले, एक बार डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें।
Lemon सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है। मुंहासों से प्रभावित त्वचा पर Lemon का जूस या Lemon का तेल लगाया जा सकता है । हल्के-फुल्के मुंहासो के लिए इसे एक प्रभावकारी घरेलू नुस्खे की तरह उपयोग किया जा सकता है।
शरीर के वजन और आकार में बदलाव के कारण नजर आने वाले स्ट्रेच मार्क्स कई लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं । ऐसे में विटामिन-सी स्ट्रेच मार्क्स की समस्या को कम कर सकता है।
एक स्टडी के अनुसार विटामिन-सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाकर स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में सहायक हो सकता है । ऐसे में स्ट्रेच मार्क्स की परेशानी को कम करने के लिए Lemon का सहारा ले सकते हैं। हालांकि, स्ट्रेच मार्क्स के दाग को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है
, लेकिन उपाय करने से दाग हल्के हो सकते हैं। इसके अलावा Lemon एक घरेलू उपाय के तौर पर है, इसे लेकर शोध का अभाव है, इसलिए Lemon का असर यह दाग की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
13. झुर्रियों के लिए
झुर्रियों को कम करने के लिए नींबू कारगर हो सकता है। Lemon में मौजूद विटामिन-सी की यहां सुरक्षात्मक भूमिका देखी जा सकती है। विटामिन-सी एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है और झुर्रियों को हटाकर एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
इसमें मौजूद एंटी-एजिंग गुण इसका कारण हो सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी कोलेजन को बढ़ा सकता है और सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा भी कर सकता है ।
ऐसे में Lemon का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में यह बात भी सामने आई है कि सिट्रस फलों के जूस के सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाली प्रीमैच्योर स्किन एजिंग से बचाव हो सकता है। तो, Lemon का रस लगाना और इसका सेवन करना दोनों मामलों में यहफायदेमंद हो सकता है।
14. बालों के लिए नींबू
बालों की बात करें, तो डैंड्रफ की समस्या काफी आम है। डैंड्रफ लगभग 50 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है। ऐसे में बालों में Lemon का रस लगाने के फायदे में नींबू का रस डैंड्रफ कम करने के लिए एक आसान घरेलू उपाय हो सकता है।
Lemon स्कैल्प और बालों को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है । अब सवाल यह उठता है कि बालों में Lemon कैसे लगाएं, तो हम बता दें कि एक कटोरी में Lemon का रस निकालें और रूई की मदद से लगाएं।
नींबू का उपयोग

नीचे पढ़ें Lemon के फायदे के लिए इसका किन-किन तरीकों से उपयोग किया जा सकता है।
- Lemon का उपयोग जूस के तौर पर किया जा सकता है।
- Lemon के रस का उपयोग सलाद में किया जा सकता है।
- Lemon की चाय पी सकते हैं।
- Lemon का उपयोग सोडा या मोजितो बनाने में किया जा सकता है। कई लोग खाना खाने के बाद निम्बू पानी पीने के फायदे के लिए नींबू सोडा का सेवन करते हैं।
- गैस की समस्या हो, तो आधे नींबू पर अजवाइन डालकर और फिर तवे पर उसे गर्म करके चाट सकते हैं।
- Lemon का अचार बनाया जा सकता है।
- Lemon का रस मुंहासों पर या स्ट्रेच मार्क्स पर लगा सकते हैं।
- डैंड्रफ दूर करने के लिए भी कई लोग नींबू के रस का उपयोग करते हैं।
- बालों में मेहंदी लगाते वक्त नींबू का रस डाल सकते हैं।
- फ्रिज या माइक्रोवेव साफ करने के लिए नींबू का उपयोग किया जा सकता है।
- कपड़ों को साफ करने के लिए भी नींबू के जूस का उपयोग किया जा सकता है।
अब बारी आती है नींबू का प्रयोग करने के लिए नींबू पानी बनाने की विधि जानने की।
सामग्री
एक से दो गिलास पानी
- एक Lemon
- स्वादानुसार चीनी
- स्वादानुसार काला नमक (वैकल्पिक)
- स्वादानुसार चाट मसाला (वैकल्पिक)
- एक से दो बर्फ के टुकड़े (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
- सबसे पहले नींबू को दो टुकड़ों में काट लें।
- अब पानी को किसी जग में निकाल लें और इसमें Lemon को निचोड़ लें।
- फिर पानी में चीनी, काला नमक और चाट मसाला डालकर तब तक मिलाएं जब तक सभी सामग्री पानी में अच्छी तरह मिल न जाएं।
- अब इसे छान लें और गिलास में बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।
Lemon पानी के बाद अब बारी है, नींबू की चाय बनाने के बारे में जानने की।
नींबू की चाय बनाने की विधि

सामग्री
- एक से दो कप पानी
- अपनी पसंद का एक टी बैग
- एक छोटा चम्मच नींबू का रस
- एक चम्मच शहद
- आधा चम्मच पुदीने के पत्ते (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
- पहले पानी को एक पैन में उबाल लें।
- अब इसे एक कप में निकाल लें।
- फिर इसमें टी बैग डालकर, थोड़ी देर रहने दें।
- अब इसमें नींबू का जूस, पुदीने के पत्ते और शहद मिलाकर सेवन करे।
नींबू के नुकसान

नींबू खाने के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। लेमन के फायदे के बाद अब नीचे पढ़ें नींबू के नुकसान।
- Lemon का अधिक सेवन दांत खट्टे कर सकता है। नींबू से हानि की बात करें, तो नींबू का सेवन टूथ इनेमल (दांतों की बाहरी परत) को खराब कर सकता है
- Lemon से हानि की बात करें, तो संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को स्किन पर नींबू के उपयोग से रैशेज या एलर्जी की समस्या हो सकती है ।
- इसके साथ ही Lemon से फाइटोफोटोडर्माटाइटिस (Phytophotodermatitis), की समस्या भी हो सकती है। फाइटोफोटोडर्माटाइटिस एक फोटोटॉक्सिक रिएक्शन है।
- जो किसी खास प्रकार के पौधे के संपर्क से आने से हो सकता है।
- इसमें त्वचा सूर्य की किरणों के प्रति संवेदनशील हो जाती है, जिसके बाद त्वचा में सूजन, रैशेज या फफोले भी हो सकते हैं।
- अगर किसी को नींबू से एलर्जी की समस्या है, तो उसे ओरल एलर्जी सिंड्रोम (खाद्य पदार्थ से एलर्जी) हो सकता है । इसमें गले में खराश, होंठो में सूजन और बुखार जैसी स्थिति हो सकती है। इसके अलावा, एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis – गंभीर एलर्जी की समस्या) भी हो सकता है,
- हालांकि यह काफी दुर्लभ है । यह संवेदनशील व्यक्ति, जिसे सिट्रिक खाद्य पदार्थों से फूड इनटॉलेरेंस की समस्या हो, उसे भी हो सकता है ।
- Lemon विटामिन-सी का बड़ा स्रोत है और विटामिन-सी के अत्यधिक सेवन से दस्त, मतली और पेट में ऐंठन की समस्या हो सकती है ।
दोस्तों, Lemon के गुण अनेक हैं और इसका सही प्रकार से किया गया इस्तेमाल आपको फायदा पहुंचा सकता है। वहीं, लेख में हमने Lemon के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तार से बता दिया है।
इसके सेवन के दौरान अगर ऊपर बताए गए दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो इसका इस्तेमाल बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद करते हैं कि पाठकों को यह लेख पसंद आया होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Lemon की तासीर कैसी होती है?
Lemon की तासीर ठंडी होती है।
क्या कीटो डाइट में Lemon को शामिल कर सकते हैं?
हां, कीटो डाइट में नींबू का जूस या नींबू को शामिल किया जा सकता है (55)। दरअसल, इस डाइट में प्यूरिन युक्त आहार लेने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ सकता है। ऐसे में नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड उस प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
क्या नींबू क्षतिग्रस्त त्वचा के लिए अच्छा है?
संवेदनशील त्वचा वाले व्यक्ति को नींबू से रैशेज हो सकते हैं, इसलिए इस बारे त्वचा विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है
क्या शिशुओं के लिए नींबू के कोई स्वास्थ्य लाभ हैं?
लेमन विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो कि बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है । हालांकि, यह बच्चे की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है कि उसे नींबू का सेवन कराया जाए या नहीं, इसलिए बेहतर है बच्चे को नींबू देने से पहले डॉक्टरी परामर्श लें।
क्या गर्भावस्था के दौरान नींबू फायदेमंद है?
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