भुट्टा (कॉर्न) क्या होता है
मकई या भुट्टा का वैज्ञानिक नाम ‘जी-मेज’ है। इसकी गिनती मोटे अनाजों में की जाती है। मकई यानी मक्का को भुट्टा के रूप में लगभग पूरे भारत में खाया जाता है।

इसकी खेती मैदानी भागों से लेकर लगभग 2700 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों तक में की जाती है। भारत में आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। Corn
वहीं, विश्व की बात करें, तो चीन, ब्राजील, मैक्सिको और अमेरिका जैसे देश मकई उगाने के मामले में सबसे आगे हैं।
मकई या भुट्टा आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छा है ?
मकई एक ऐसा खाद्य है, जिसमें फैट, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर के साथ कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स मौजूद रहते हैं। इस कारण यह शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की पूर्ति का काम कर सकता है।
साथ ही यह त्वचा, बाल और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं (जैसे:- पीलिया, हाई बीपी, लिवर विकार, मानसिक विकार और पाचन में परेशानी आदि) में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। यही वजह है कि मकई को सेहत के लिए एक अच्छा खाद्य माना जाता है।
मकई के फायदे
डायबिटीज को नियंत्रित करे – कॉर्न के फायदे हाई ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए लाभदायक हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि मकई से संबंधित दो अलग-अलग शोध से होती है।
चूहों पर आधारित एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध में पाया गया कि पर्पल कॉर्न (जिसे ब्लू कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है) में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं।
आंखों के लिए फायदेमंद – मकई में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, ल्यूटिन और जैक्सैन्थिन आंखों की रोशनी को बचाए रखने में लाभकारी माने जाते हैं। Corn
इस मामले में किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि उम्रदराज लोगों में इन यौगिकों की कमी की वजह से आंखों की नसों में शिथिलता आती है।
इससे कम दिखाई देने या अंधेपन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आंखों के लिए भी कॉर्न के फायदे सहायक माने जा सकते हैं।

गर्भावस्था में उपयोगी – भुट्टा खाने के फायदे गर्भावस्था में भी लाभकारी साबित हो सकते हैं। कारण यह है कि इसमें कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड के साथ-साथ विटामिन सी, डी और ए पाया जाता है ।
वहीं, यह सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में भी उपयोगी माने जाते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद फोलिक एसिड और विटामिन-बी होने वाले शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष (शिशु के मस्तिष्क व रीढ़ में विकार उत्पन्न होना) से बचाने में मदद करते हैं।
वहीं, गर्भावस्था में शुगर (जेस्टेशनल डायबिटीज) की समस्या में डॉक्टर पौष्टिक आहार में कॉर्न लेने की भी सलाह देते हैं। इन सभी तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मकई का इस्तेमाल गर्भावस्था में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है।
वजन नियंत्रण में सहायक में सहयक होता हैं – बढ़ते हुई वजन को रोकने में सहायता करता हैं , इसकी वजह यह हैं की इसमें अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता हैं। जो कि वजन को नियंत्रित रखने के साथ ही उसे कम करने में भी मदद कर सकता है।
इसके अलावा, भुट्टे के बाल का उपयोग भी बढ़ते वजन को रोकने में कारगर हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी – भुने हुए मकई के दानों (पॉपकॉर्न) से संबंधित एक शोध में माना गया है कि इसमें उपस्थित फिनोलिक यौगिक एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होते हैं। इस गुण के कारण मकई हृदय रोग और हाई बीपी में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है। Corn

पाचन को तंदुरस्त करने में सहायता करता हैं – पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए लिए बुट्टा खाना बोहोत फायदेमंद होता हैं। शोध में माना गया है कि मकई में मौजूद विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स पाचन में सुधार का काम कर सकते हैं। और यह भी माना गया हैं की मकई में मौजूद विटामिन बी काम्प्लेक्स पाचन में सुधार का काम कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे – बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी मकई का उपयोग सहायक साबित हो सकता है। मकई से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता ही कि मकई के तेल में लिनोलेइक एसिड मौजूद होता है। यह लिनोलेइक एसिड बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम कर उसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। Corn