राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने एमबीबीएस 2022 बैच के लिए नया करिकुलम जारी किया है जिसमें बहुत कुछ बदलाव किया गया है ,
से पहले समझते हैं कि नए करिकुलम में क्या है मुख्य बिंदु:-
– इस साल का सत्र 15 नवंबर 2022 से चालू होगा।
– छुट्टियां संबंधित विश्वविद्यालय के द्वारा ही तय की जाएंगी।
– सप्लीमेंट्री एग्जाम 1 महीने के अंदर ही कराया जाएगा एवं उसका रिजल्ट 15 दिवस के भीतर देना होगा।
– कोई सप्लीमेंट्री बैच नहीं होगा।
– योगा और फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम भी 2021- 22 के जैसा होगा ।
सबसे प्रमुख बदलाव:-
इस बार से थर्ड ईयर के कुछ विषयों को फाइनल ईयर में पढ़ाया जाएगा पहले e.n.t. विषय आप्थल विषय यानी नेत्र रोग व नाक कान गला रोग थर्ड ईयर में पढ़ाया जाता था अब और आगे से यह विषय फाइनल ईयर में पढ़ाया जाएगा और थर्ड ईयर में फॉरेंसिक मेडिसिन और कम्युनिटी मेडिसिन पढ़ाया जाएगा, इसके साथ ही कुछ समय अवधि को लेकर भी बदलाव किए गए हैं जैसे फर्स्ट ईयर बा सेकंड ईयर अब 13-13 महीने के रहेंगे जो कि पहले 12-12 महीने के होते थे, वहीं पर थर्ड ईयर 10.5 महीने व फाइनल ईयर 17.5 महीने का रहेगा जो कि पहले 12 महीने व 11 महीने का होता था, पहले के मुताबिक बदलाव हुआ है, बाकी सब कुछ यथावत रहेगा।
क्या असर पड़ेगा इस से जानते हैं एक्सपर्ट से:-
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्य प्रदेश यूजी विंग के पूर्व अध्यक्ष एवं तत्कालीन मुख्य सलाहकार डॉ आकाश सोनी का कहना है की
“समय सीमा को लेकर एवं सुप्लिमेंटरी बैच न बनाने को लेकर काफी अच्छी पहल है, क्योंकि जो छात्र एक बार फेल हो जाता था, वो अपने मेन बैच से 6 महीने पीछे हो जाता था जो कि अब नहीं होगा, विषय को लेकर भी काफी अच्छी पहल है क्योंकि ENT और OPTHAL एक क्लीनिकल सब्जेक्ट है और फाइनल ईयर में सभी सब्जेक्ट क्लीनिकल होते थे और ENT और OPTHAL को भी फाइनल ईयर में सम्मिलित करके एक अच्छा निर्णय लिया गया है, अब सभी क्लीनिकल सब्जेक्ट एक साथ एक ही ईयर में पढ़ाए जाएंगे जिससे बच्चा एक दूसरे से क्लिनिकल सब्जेक्ट को कोरिलेट कर पाएगा , चूंकि समय अवधि भी ज्यादा है और समय अवधि की सबसे ज्यादा आवश्यकता फाइनल ईयर में ही होती है क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा सब्जेक्ट होते हैं जो की मुख्यतः क्लिनिकल होते हैं, तो यह बहुत ही अच्छा कदम है इससे छात्रों के भविष्य पर बहुत ही पॉजिटिव इफेक्ट पड़ेगा।” और “हमे आने वाले समय मे अच्छे चिकित्सक मिलेंगे” डॉ सोनी ने कहा।