चावल के फायदे

आपकी डाइटिंग और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते चावल से दूर होती जा रहीं हैं? पर क्या ये वाकई जरूरी है? सचमुच चावल आपके स्वास्थय का सबसे बड़ा दुश्मन है? तथा चावल छोड़ देना चाहिए। क्योकि चावल से डायबिटीज भी हो जाती है, तो चावल छोड़ देना ही हमारे स्वास्थय के लिए अच्छा रहता है, चावल के बारे में बहुत सारी सच्ची-झूठी अवधारणाएं होती है।
असल में चावल को लेकर हमेशा दिमाग एक कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई रहती है। तथा लोग तय नहीं कर पाते कि क्या वाकई चावल स्वास्थय के लिए बहुत ज्यादा खराब होते है।
जबकि मेरी मम्मी हमेशा सीमित मात्रा में आहार में चावल सम्मिलित करने की सलाह देती हैं। बल्कि वे तो चावल के बिना रह ही नहीं पातीं। क्योकि मम्मी की आहार संबंधी पसंद और फिटनेस के बाज़ार में घूम रही अवधारणाओं को चेक करने के लिए हमने एक एक्सपर्ट से बात की। कि चावल आपके स्वास्थय के लिए अच्छे होते है या बुरे होते है।
आधे से ज्यादा लोग चावल खाते है ?

विश्व केबहुत से हिस्सों में चावल को खाते है। खासकर हमारे भारत में चावल लोगों के खानपान का एक मुख्य भाग है। जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक के लोग ज्यादातर चावल ही खाते हे क्योकि उनका सबसे अहम मुख्य आहार चावल ही होता है। भारत की आधी से ज्यादा आबादी हर दिन चावल खाना बहुत पसंद करती है।
तथा चावल के साथ दाल खाना तो और भी ज्यादा पसंद करते है। हालांकि, आपने अक्सर सुना होगा कि डाइटिंग और स्वास्थ्य समस्याओं में लोग चावल से दूरी बना लेते हैं। क्या आपको भी ऐसा ही लगता है? तो यह केवल एक मिथ है। किसी भी चीज के प्रति अवधारणा बनाने से पहले उसकी पूरी जानकारी होना जरूरी है। चावल हमारी स्वास्थय का एक भाग है। चावल ज्यादा व हमेसा खाना भी बहुत ज्यादा नुकसान दायक होता है।
चावल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकैडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा बताती हैं,कि चावल भारत के मुख्य खाद्य पदार्थों में से खाद्य पदार्थ एक है। इसे कई सारे इंडियन रेसिपी जैसे पुलाव, बिरयानी, इडली, राइस केक, अन्य में प्रयोग किया जाता है। तथा वहीं इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रोवाइड करते रहते हैं। और साथ ही यह ग्लूटेन फ्री होता है। तथा फर्मेंटेड राइस वॉटर प्रीबायोटिक के तौर पर काम करते हैं”।
पोषण का भंडार है चावल

डॉक्टर पूनम दुनेजा के अनुसार चावल में विटामिन बी, मैंगनीज, सेलेनियम, मैग्नीशियम और फाइबर की पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होती है। यह सभी पोषक तत्व शरीर के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
चावल और सब्जी के कॉन्बिनेशन को प्री और पोस्ट वर्कआउट मील के तौर पर रिकमेंड भी किया जाता है। साथ ही चावल से बनी खिचड़ी में एक चम्मच घी मिलाकर खाने से डाइजेशन इंप्रूव भी होता है। यह पेट को हल्का रखने में भी आपकी बहुत सहायता करेगा।
पब मेड द्वारा किये गए एक अध्ययन में बताया गया था कि एशिया में लगभग 1,10,000 वैरायटी के rice उपजाए जाते हैं। जिनकी गुणवत्ता और पोषक तत्व भी अलग-अलग होते हैं।
rice के पोषक तत्वों की बात करें, तो इनमें कैलोरी के साथ मैंगनीज, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सेलेनियम, आयरन, फोलिक एसिड, थायमिन और नियासिन (विटामिन बी 3) भी पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होते हैं। परंतु इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है कि rice में फैट और फाइबर एक सीमित मात्रा में पाया जाता है।
रिसर्च में पाया गया था कि ब्राउन राइस के बायोएक्टिव कंपाउंड्स जैसे कि मिनिरल्स और विटामिन इसकी गुणवत्ता को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। वहीं व्हाइट राइस में पॉलिशिंग के बाद विटामिन और मिनरल्स का प्रभाव बहुत कम हो जाता है।
हालांकि, उपभोग की बात करते है तो ब्राउन राइस की तुलना में व्हाइट राइस बड़े पैमाने पर प्रयोग होते हैं। वहीं पॉलिश्ड राइस में ग्लाइसेमिक लोड भरपूर होता है। इसलिए यह शरीर में ग्लूकोज लेवल को बढ़ा सकता है। परंतु यदि इसे दूसरे फूड कॉन्बिनेशन के साथ खाया जाए, तो व्हाइट राइस भी सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होते है।
एनर्जी बूस्ट करने में मददगार

हमारे शरीर को एनर्जी रिलीज करने के लिए कार्बोहाइड्रेट की जरूरत बहुत अधिक होती है। जब कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर में जाता है तो शरीर में इसे एनर्जी के रूप में परिवर्तित कर देता है। rice में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं जो हमारे लिए किसी एनर्जी बूस्टर से कम नहीं है।
साथ ही ब्राउन राइस में मौजूद विटामिन और मिनरल्स शरीर में मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ाते हैं जिससे शरीर की ऊर्जा शक्ति बनी रहती है। एक शोध में देखा गया था कि ज्यादातर एथलीट rice का सेवन करना बहुत पसंद करते हैं।और व्हाइट राइस को स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन भी माना जाता है।
पाचन क्रिया बेहतर बनाता है
व्हाइट राइस पेट के लिए बहुत ही ज्यादा हेल्दी होता है। तथा इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को इसे आसानी से पचाने में मदद करते है। यह कब्ज, डायरिया और वोमिटिंग जैसी शिकायतों में भी लाभदायक हो सकता है। और साथ ही rice नेचुरल ड्यूरेटिक की तरह काम करता है, जो शरीर से एक्सेस वॉटर को बाहर निकालने में बहुत सहायता करते हैं। rice खाने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा भी कम होती है।
एंटी इन्फ्लेमेटरी और ग्लूटेन फ्री हैं rice
इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी सीलिएक डिजीज (आंत में सूजन की समस्या) में बहुत अधिक लाभदायक होते हैं। साथ ही यदि आपको ग्लूटेन से एलर्जी होती है तो rice को अपने आहार में सम्मिलित कर सकती हैं। rice ग्लूटेन फ्री होते है और आपके आंत को इंफेक्शन और सूजन की समस्या से आराम पाने में भी सहायता करते है।
त्वचा के लिए फायदेमंद

क्या आप भी नेचुरल स्किन केयर का शौक रखती हैं? तो ऐसे में rice आपके स्किन से जुड़ी हुई कई समस्याओं को सुलझा सकता है। स्किन के लिए चावल का पाउडर और इसके पानी का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
और साथ ही इसे कंज्यूम करने के भी कई सरे लाभ होते हैं। ब्राउन राइस भी त्वचा के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। इसमें उपस्थित फेनोलिक कंपाउंड्स त्वचा से जुड़ी इरिटेशन और इन्फेक्शन को कम करते हैं। तथा साथ ही rice के एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी एजिंग प्रोसेस को भी धीमा कर देते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ कम कर देना चाहिए रोटी या rice खाना
आप घर पर हैं, फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम है और उम्र बढ़ रही है, तब क्या आपको रोटी या rice (Roti or rice) खाना कम कर देना चाहिए? तथा अपनी फिटनेस के प्रति सजग ज्यादातर लोग यह सवाल पूछ रहे हैं। जबकि भारतीय भोजन का प्रमुख हिस्सा रोटी या rice ही है। ये मैक्रोन्यूट्रीएंट्स (macronutrients) या कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) हमें दिन भर के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
संतुलित भोजन और आपकी फिटनेस
दलजीत कौर कहती हैं कि “खानपान और फिटनेस का आपस में बहुत गहरा नाता है क्योंकि अगर हम संतुलित भोजन नहीं करेंगे तो हमारे शरीर में अनेक विकार और रोग जैसे मोटापा, मधुमेह, कैंसर तथा हृदय रोग अपनी जड़ें जमा लेंगे।
और भी ज्यादा समस्याएं बढ़ जाएगी और इसलिए पोषण युक्त आहार किसी भी मनुष्य के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है । यदि आपके शरीर को सही ईंधन रूपी भोजन नहीं मिलेगा, तो यह सही तरीके से काम नहीं करेगा। यह ठीक ऐसा ही है जैसे मोटर या कार भी ईंधन नहीं मिलने पर चल नहीं सकती।”
कार्बोहाइड्रेट्स

ये शरीर के अलग अलग भागों, अंगों और ऊतकों को ऊर्जा प्रदान करते हैं। तथा इसके स्रोत हैं – ब्रैड, गेंहूं और शुगर। कार्बोहाइड्रेट कितनी मात्रा में लेना चाहिए यह शरीर के वज़न, ऊर्जा की आवश्यकता और खेल-कूद के लिए आवश्यक मैटाबोलिक मांग पर निर्भर करता है।तथा कार्बोहाइड्रेट के सेवन से परफॉर्मेंस बढ़ती है और थकान दूर होती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अनाज, बाजरा, अपरिष्कृत कार्बोहाइड्रेट लेने के लिए साझा किया जाता है।
प्रोटीन
यह मांसपेशियों को बनाने में बहुत ज्यादा सहायता करने के साथ-साथ मस्तिष्क तथा शरीर के अन्य भागों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। साथ ही, शरीर के ऊतकों की मरम्मत के लिए भी इनकी आवश्यकता होती है। जो खिलाड़ी एन्ड्योरेंस, स्ट्रैन्थ और अन्य प्रकार के स्पोर्ट्स से जुड़े होते हैं, तथा उन्हें प्रोटीन की आवश्यकता बहुत अधिक होती है।
सामान्य व्यक्ति को 1 ग्राम/किलोग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है, लेकिन ज्यादा परिश्रम करने वाले व्यक्ति के शरीर में यह मात्रा 2 ग्राम/शरीर के वज़न तक बढ़ सकती है। खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अच्छी क्वालिटी के प्रोटीन की जरूरत बहुत ज्यादा होती है।
दाल, बीन्स, अंडे का सफेद भाग, चिकन के पतले टुकड़े, मछली, सोया, टोफू, स्किम्ड मिल्क और उससे बने उत्पाद प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं। अच्छी सेहत के लिए साबुत दाल और अन्य दालों का सेवन करना चाहिए।
एक दिन में आपको कितने कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता

विशेषज्ञ आहार संबंधी दिशानिर्देश की अनुशंसा करते हुए कहते हैं कि कार्बोहाइड्रेट आपके कुल दैनिक कैलोरी का 45 से 65 प्रतिशत हिस्सा होना चाहिए। यानी अगर आप एक दिन में 2,000 कैलोरी ले रहे हैं, तो 900 से 1,300 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आनी चाहिए। यह एक दिन में 225 से 325 ग्राम कार्बोहाइड्रेट हो सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ आपको अनप्रोसेस्ड फाइबर की तरफ स्विच करना चाहिए। जिनमें मोटे अनाज शामिल हैं। आप गेहूं के प्रोसेस्ड आटे की बजाए दलिया या बाजरा को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। वहीं सफेद rice की बजाए ब्राउन राइस भी आपके लिए हेल्दी हो सकता है।
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