बैकफुट पर उद्धव…एक के बाद एक मात दे रहे एकनाथ शिंदे लेकिन असल इम्तिहान अभी बाकी | Latest News 2022
महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट

महाराष्ट्र की सत्ता पलट कर डाली उध्दव ठाकरे की साथ समाप्त कर डाली एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनते ही पूरे जोश में दिख रहे हैं. शिंदे खेमे ने स्पीकर के चुनाव में जिस तरह से उद्धव ठाकरे गुट को मात दी है, उस लिहाज से सोमवार को बहुमत साबित करने की परीक्षा भी पास कर लेंगे. लेकिन असल लड़ाई अब शिवसेना पर कब्ज़ा करने को लेकर है, जो अदावत की दहलीज तक पहुंच सकती है?
महाराष्ट्र में शिवसेना में चल रहे शह-मात के खेल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक के बाद एक उद्धव ठाकरे को शिकस्त दे रहे हैं. उद्धव सरकार का पहले तख्ता-पलट और उसके बाद स्पीकर चुनाव में बीजेपी-शिंदे खेमे ने महा विकास अघाड़ी को मात देकर पहली परीक्षा तो पास कर ली है,
लेकिन असल इम्तिहान तो अब होना है.एकनाथ शिंदे को विधानसभा में बहुमत हासिल करने की परीक्षा आज पास करनी है और उसके बाद शिवसेना पर काबिज होने के लिए उद्धव ठाकरे से दो-दो हाथ करने होंगे?
स्पीकर के चुनाव में MVA को मात एकनाथ शिंदे ने।

महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद विधानसभा में बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर को स्पीकर चुना गया है जबकि उद्धव खेमे से उतरे शिवसेना विधायक राजन साल्वी को सियासी मात मिली है. विधानसभा में नार्वेकर को 164 वोट मिले तो साल्वी को 107 मिले हैं।
स्पीकर के लिए डाले गए वोटों के विस्तृत विश्लेषण से पता चलता है कि विपक्ष के पास बीजेपी-शिंदे गठबंधन के खिलाफ कोई मौका नहीं था. मतलब साफ है कि शिवसेना के सभी 39 बागी विधायक अयोग्य घोषित कर दिए जाते तो भी विपक्ष को हार का सामना ही करना पड़ता।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने फरवरी 2021 में इस्तीफा दिया था, जिसके चलते महाराष्ट्र में एक साल से विधानसभा स्पीकर का पद खाली था।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी न तो स्पीकर के चुनाव के लिए तारीख तय कर रहे थे और न ही वोटिंग सिस्टम या वॉइस वोट के पक्ष में थे. न के इसी के चलते उद्धव ठाकरे सरकार और राज्यपाल कोश्यारी के बीच में तनातनी चलती रही. लेकिन अब दो-तीन दिन में ऐसा क्या हो गया कि राज्यपाल कोश्यारी ने स्पीकर के चुनाव को राजी हो गए।
बहुमत की परीक्षा भी शिंदे पास कर लेंगे?

दरअसल, उद्धव ठाकरे सरकार संकट में आई तो स्थिति बदल गई. सरकारों के संकट में होने पर राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका सबसे बड़ी हो ही जाती है. एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की तारीख भी तय हो गई।
ओपन वोटिंग सिस्टम यानी ध्वनि मत से चुनाव भी हो गए. कोश्यारी की इन्हीं दो आपत्ति की वजह से महाराष्ट्र में स्पीकर का चुनाव टल रहा था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही स्पीकर के चुनाव में आपत्तियां नहीं उठाई गईं और राहुल नार्वेकर विधानसभा अध्यक्ष बन गए।
बीजेपी- शिंदे गठबंधन खेमे ने स्पीकर के चुनाव में जिस तरह से महा विकास अघाड़ी को मात दी है, उससे उद्धव ठाकरे खेमे के लिए सियासी चुनौती बढ़ गई है. महा विकास अघाड़ी के पास सदन में बहुमत के इम्तिहान में बीजेपी शिंदे गुट को हराने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है. सोमावर को विधानसभा सदन में फ्लोर टेस्ट होना है।
अब व्हिप को लेकर छिड़ा विवाद

जहां बीजेपी- शिंदे गठबंधन खेमे को बहुमत साबित करना है. सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने 39 विधायकों के साथ बैठक की तो उधर उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी महत्वपूर्ण बैठक की है. फ्लोर टेस्ट को लेकर प्रदेश का हर प्रमुख राजनीतिक धड़ा अपने स्तर पर रणनीति तय करने में जुटा है।
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, लेकिन पिछले महीने शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण एक पद रिक्त है. इस तरह से बहुमत के लिए 144 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. स्पीकर पद के लिए चुनाव में जिस तरह से बीजेपी-शिंदे गुट को 164 वोट मिले हैं उससे लगता है कि फ्लोर टेस्ट में भी दव खेमे को सियासी मात खानी पद सकती है.
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