बॉलीवुड इंडस्ट्री में मधुबाला को मर्लिन मुनरो ऐसे ही नहीं कहा जाता था. उनकी हसीं पर फिदा होने वालों की कमी नहीं थी. उनकी ब्यूटी का कोई सानी नहीं था.
वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को जन्मीं मधुबाला जीवन भर प्यार के लिए तड़पती रहीं। जहां सिल्वर स्क्रीन पर फिल्म

आज भी जब खूबसूरती की बात आती है थो लोग मधुबाला का नाम नहीं लेना भूलते

मुगल-ए-आजम में एक्ट्रेस अकबर के सामने सलीम से प्यार का इजहार करती नजर आईं तो वहीं निजी जीवन में भी ऑनस्क्रीन सलीम यानी दिलीप कुमार से इश्क लड़ा बैठीं। मगर इस मोहॉबात का अंजाम अच्छा नहीं निकला।
मधुबाला और दिलीप कुमार की लव स्टोरी साल 1951 में आई फिल्म तराना के सेट पर शुरू हुई थी. दोनों को ही पहली नजर में एक-दूजे से प्यार हो गया था.
नहीं माने पिता
लेकिन मधुबाला के पिता को उनकी लव लाइफ से काफी दिक्कत थी. वो दिलीप कुमार-मधुबाला के रिश्ते के सख्त विरुद्ध थे और इसी कारण स्क्रीन पर पसंद किए जाने वाले दिलीप कुमार और मधुबाला की जोड़ी असल ज़िन्दगी में टूट गई. प्रोफेशनल फ्रंट की बात करें तो मधुबाला और दिलीप कुमार की जोड़ी ने एक साथ तराना, संगदिल, अमर और मुगल-ए-आजम जैसी फिल्मों में काम करा है।
दिलीप के बाद किशोर से लगा दिल
दिलीप कुमार के बाद मधुबाला का दिल किशोर कुमार पर लग बैठा. किशोर कुमार उस समय सिंगिंग तो करते ही थे पर साथ में नटखट एक्टर भी थे. इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा लुभाने वाले कॉमेडियन्स में से एक थे. वे मधुबाला को बेहद पसंद भी करते थे. दोनों ने साथ में हॉफ टिकट जैसी सुपरहिट फिल्म में काम करा है.
किशोर काफी जिद्दी किस्म के थे. वे मधुबाला से बेहद प्यार तो करते थे लेकिन उनसे शादी भी करना चाहते थे. इसलिए किशोर कुमार ने एक दिन मौका देखकर मधुबाला को प्रपोज भी कर दिया. मधुबाला को अपने परिवार का ध्यान था इस वजह से उन्होंने पहले ना की. मगर जब किशोर कुमार नहीं मानें और अलग-अलग तरीके से मधुबाला को मनाने लगे तो मधुबाला भी मना ना कर पाईं. दिलीप साहब से रिश्ता टूटने के बाद वे खुद तनाव में थीं और ज़िंदगी में एक खालीपन सा महसूस कर रही थीं.
किशोर कुमार के संग 9 साल चला था रिश्ता
किशोर संग शादी के बाद भी मधुबाला की ज़िंदगी से परेशानियां कम नहीं हुईं. उन्हें मालूम चला कि उन्हें दिल की बीमारी है. ये खबर सुनकर मधुबाला फिर से टूट गईं. इस समय किशोर कुमार की उन्हें सख्त जरूरत थी मगर वे काम में व्यस्त होने के कारण मधुबाला को उनके मन मुताबिक समय ना दे पाते थे, और इसी तरह मधुबाला आखिरकार अपनी जीवन की जंग अधूरी छोड़ गई एक दिन